उदयपुर,(ARLive news)। नाक के पीछे के दोनों छेद बंद होने से श्वास लेने में तकलीफ से जुझ रही बच्ची का जीबीएच जनरल हॉस्पीटल के नाक, कान, गला रोग विभाग में जटिल ऑपरेशन हुआ। कोएनल एट्रीजिया नामक यह बीमारी लाखों में एक को पाई जाती है। इस तरह का ऑपरेशन संभाग में पहली बार संभव हुआ है।
ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बताया कि मनासा (मध्यप्रदेश) निवासी दस वर्षीय बच्ची को परिजन जन्म से श्वास लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर जीबीएच जनरल हॉस्पीटल के ईएनटी विभाग में पहुंचे थे। रिपोर्ट के आधार पर पाया गया कि बच्ची को जन्म से यह तकलीफ है और इसके कारण वह पहले भी कई बार आईसीयू में भर्ती हो चुकी है और बमुश्किल जान बच पाई।
बच्ची के नाक के पीछे से दोनों छेद बंद थे जिसे चिकित्सकीय भाषा में कोएनल एट्रीजिया कहा जाता है। इसका ऑपरेशन काफी जटिल था। इसमें दूरबिन की सहायता से नाक के पीछे पहुंचकर बंद रास्ते को खोला गया। ऑपरेशन के बाद बच्ची पूरी तरह सुरक्षित है और उसे श्वास लेने में होने वाली तकलीफ भी दूर हो गई। उसे शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉ. कनिष्क मेहता के अनुसार इस तरह के बच्चों का बच पाना भी मुश्किल होता है। यह ऑपरेशन ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. जेएस मठ्ठा और डॉ. कनिष्क मेहता की टीम ने किया।